" अल्फ़ाज़ - ज़ो पिरोये मनसा ने "

ज़र्रों में रह गुज़र के चमक छोड़ जाऊँगा ,
आवाज़ अपनी मैं दूर तलक छोड़ जाऊँगा |
खामोशियों की नींद गंवारा नहीं मुझे ,
शीशा हूँ टूट भी गया तो खनक छोड़ जाऊँगा||

बहना को देता आशीष नज़र आऊँ :)




राखी के हर धागे का कर्ज़ मुझपे ,
कभी उससे न मुकर जाऊँ |

आज़ हूँ भले उससे दूर कितना ,
दिलों में कभी दूरी न मगर पाऊँ ||

न मिले प्रेम उसका,सुनी रहे कलाई 
कभी ऐसी मैं न सहर पाऊँ |

प्यारी बहना जो लिखी तूने नसीब में ,
ख़ुदा हर जन्म ऐसी तेरी महर पाऊँ |

खुशियाँ मिले उसे सारे जहाँ की ,
उसके चेहरे पे हरदम खुशी की लहर चाहूँ ||

कभी छू न सके कोई दर्द उसको ,
भले बदले , मैं जहन्नुम  द्वारे उतर जाऊँ ||

ऐ मौला , बस अता कर ऐसी ज़िंदगानी मुझको ,

जब भी याद करें वो मुझको ,
पास उसके मैं  देता आशीष नज़र आऊँ || 


|| मनसा ||





11 comments:

बहुत सुंदर भाव ...

राखी के पर्व की शुभकामनायें

 

बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.. रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं !

 

बहुत क्यूट फोटो लगाया है आपने......इस प्यारे त्योंहार की ढेर सारी बधाई...... हैप्पी राखी

 

एक बहन के लिए इस से बढ़कर और क्या होगा कि उसे इतना स्नेह करने वाला भाई मिले .भारतीय संस्कृति हम सभी में यही संस्कार भरती है कि हम अपने परिवार से -परिवारीजन से स्नेह करें .आपने मन के भावों को बहुत सुन्दर रूप में प्रस्तुत किया है .साथ में लगे गयी फोटो रचना को जीवंत कर रही है .बधाई

 

प्रिय केदावत जी ,
बहुत सुंदर ब्लॉग है , आप आई आई टी में हैं , जहाँ केवल बड़े होनहार ही जा सकते हैं.
और आप केवल उस ढर्रे की पढाई तक ही सीमित नहीं हैं , ये बड़ी खुशी की बात है .
देश का भविष्य इसे ही हाथों में सुरक्षित है ,
कोशिश करना कि भ्रश्ताचारिओं कि जमात में न जुडना.
आगे बढ़ने के और भी तरीके होते हैं.

तुम्हारा
अशोक गुप्ता
दिल्ली

 

बहुत सुन्दर भावों से भरी कविता और राखी की परिभाषा भी बहुत सही दी है मनीष जी आभार

 

मन को गहरे तक छू गई एक-एक पंक्ति...
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।

 

सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ भावपूर्ण कविता लिखा है आपने! शानदार प्रस्तुती!
आपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

 

bhagwan apki duai kabool kare aur apko apki behen ka sath u hi milta rahe. bahut nirmal post.

 

bahut hi khoob...
der se aye...
par pawan parw ki badhai..n bahan ko dher sara pyar.